सताने लगी चिंता: एक दर्जन भाजपा विधायकों के टिकटों पर अभी से तलवार
मंडी संसदीय क्षेत्र में कई विधायकों सहित कुछ मंत्रियों के कामकाज से केंद्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं है। आगे भी ऐसी स्थिति न बने, इसलिए अच्छे प्रदर्शन वाले विधायकों और अन्य नेताओं को भी सूचीबद्ध किया जाने लगा है।

हिमाचल प्रदेश में लगभग एक दर्जन भाजपा विधायकों के टिकटों पर अभी से तलवार लटक गई है। इसी के चलते कुछ विधायक चुनावी साल के शुरू होते ही इस संबंध में आशंकित हैं। ये नेता अभी से केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री की गुड लिस्ट में रहने की कवायद में जुट गए हैं। दूसरी ओर केंद्रीय नेतृत्व ने भी मौजूदा विधायकों से पूछा है कि पिछले चार साल में उन्होंने क्या-क्या काम किए हैं। इसी के साथ ही कमजोर प्रदर्शन वाले भाजपा विधायकों को अपने टिकट कटने की चिंता सताने लगी है।
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में भाजपा के 43 विधायक हैं। एक विधायक जुब्बल-कोटखाई उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद कम हुआ है। विधानसभा के चुनाव इसी साल अक्तूबर के बाद प्रस्तावित हैं। दिसंबर में नई सरकार शपथ ले लेगी। इन सभी मौजूदा विधायकों के कामकाज पर केंद्रीय नेतृत्व की पैनी नजर है। राज्य में हाल में हुए मंडी लोकसभा सीट सहित तीन विधानसभा हलकों अर्की, फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई के उपचुनाव में कई भाजपा नेताओं का कमजोर प्रदर्शन रहा है।
इन्हीं में कुछ मौजूदा और कुछ पूर्व विधायक हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र में तो कई विधायकों सहित कुछ मंत्रियों के कामकाज से केंद्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं है। आगे भी ऐसी स्थिति न बने, इसलिए अच्छे प्रदर्शन वाले विधायकों और अन्य नेताओं को भी सूचीबद्ध किया जाने लगा है।
ध्वाला ने भी जल्द टिकट तय करने की बात छेड़ मचाई हलचल
ज्वालामुखी के भाजपा विधायक रमेश ध्वाला ने पिछले दिनों टिकट जल्द तय करने की बात कर हलचल मचा दी है। ध्वाला ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अगर अभी से टिकट निश्चित किए जाएं तो इसका हिमाचल प्रदेश भाजपा को लाभ होगा।
‘हमने प्रदेश भाजपा सरकार के विधायकों से पूछा है कि वे बताएं कि पिछले चार साल में उन्होंने क्या-क्या काम किए हैं। उनके रिपोर्ट कार्ड को देखा जाएगा। जहां तक टिकट तय करने की बात है तो इसके लिए फार्मूला यही होगा कि कौन जिताऊ है और कौन नहीं है। जहां अभी से टिकट तय करने की बात है तो इस बारे में स्पष्ट है कि इसकी एक निश्चित प्रक्रिया है। किसी से बोलने से टिकट तय नहीं किए जाते हैं।’– अविनाश राय खन्ना, प्रदेश प्रभारी, भाजपा।
उच्च शिक्षा निदेशालय: मार्च तक 10 हजार मेधावियों को मिलेंगे स्मार्ट मोबाइल फोन

उच्च शिक्षा निदेशालय: मार्च तक 10 हजार मेधावियों को मिलेंगे स्मार्ट मोबाइल फोन
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले दस हजार मेधावियों को मार्च 2022 तक स्मार्ट मोबाइल फोन दिए जाएंगे। नए शैक्षणिक सत्र से पहले मोबाइल फोन आवंटन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने जैम पोर्टल के माध्यम से टेंडर आमंत्रित किए हैं। दसवीं-बारहवीं के नौ हजार और कॉलेजों के एक हजार मेधावियों को स्मार्ट मोबाइल फोन दिए जाने हैं।
शैक्षणिक सत्र 2020-21 के मेधावियों के लिए स्मार्ट मोबाइल फोन की खरीद की जानी है। प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सरकार के समय शुरू हुई लैपटॉप वितरण योजना को जयराम सरकार ने बंद कर दिया है। शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 की मेरिट सूची में शामिल करीब साढ़े 19 हजार मेधावियों को ही अब लैपटॉप दिए जाने हैं।
लैपटॉप खरीद का प्रस्ताव अभी वित्त महकमे के पास विचाराधीन हैं। आने वाले दिनों में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है। सिंगल कंपनी ही टेंडर प्रक्रिया में शेष होने के चलते मामला कैबिनेट में भेजा जाना है। लैपटॉप खरीद का मामला जयराम सरकार के सत्ता में आने के बाद से विवाद में चल रहा है। ऐसे में अब इस योजना को बंद करने का फैसला लिया गया है।
इसकी जगह मेधावियों को स्मार्ट मोबाइल फोन देने का फैसला लिया गया है। इसी कड़ी में उच्च शिक्षा निदेशालय ने जैम पोर्टल के माध्यम से आधुनिक तकनीक के मोबाइल फोन खरीदने के लिए कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए हैं। लैपटॉप की जगह मोबाइल फोन देने से सरकार को बजट भी कम खर्च करना पड़ रहा है।