रूठों को मनाने की कवायद: कांग्रेस की दूसरी सूची में हो सकता है बदलाव, बगावत के डर से हो रही देरी

पंजाब विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन रह गए हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस में कलह जारी है। पहली सूची में जगह नहीं मिल पाने से नाराज नेताओं को मनाने के कारण कांग्रेस की दूसरी सूची के जारी होने में अब देरी होगी। मनाने के दौर में दूसरी सूची में कई नामों में बदलाव भी होने की पूरी संभावना बन गई है। इसका कारण है कि चुनाव के दौरान आलाकमान भी पार्टी में टूट जैसे हालात नहीं चाहता है।
पंजाब में चुनाव 6 दिन आगे बढ़ने से कांग्रेस को रूठे नेताओं को मनाने में काफी फायदा होगा। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी नाराज भाई को मनाने में जुट गए हैं। राणा गुरजीत को भी मनाने की कवायद शुरू हो गई है। रूठों को मनाने के लिए मुख्यमंत्री सहित उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा और नवजोत सिंह सिद्धू भी लगे हुए हैं। इसके अच्छे परिणाम भी आने शुरू हो गए हैं।
अमृतसर के वरिष्ठ नेता व कांग्रेस ग्रामीण के प्रधान भगवंतपाल सिंह सच्चर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा, कैबिनेट मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया और तृप्त रजिंदर बाजवा के प्रयास से वह वापस कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के प्रयासों से फिरोजपुर देहाती के आप प्रत्याशी अमनदीप सिंह आशु बांगड़ को भी कांग्रेस में शामिल कर लिया गया है और पार्टी ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
बस्सी पठाना से मुख्यमंत्री के भाई मनोहर सिंह को टिकट नहीं मिलने से वह नाराज चल रहे हैं और उन्होंने पार्टी के मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी के खिलाफ आजाद चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा है कि भाई की जीपी से कुछ पुरानी लड़ाई है। जिसके कारण वह चुनाव में उतरे हैं। उनके साथ बैठकर उनकी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। वह मान जाएंगे।
मान-मनौव्वल के कारण और चुनाव की तिथि आगे बढ़ने से पार्टी की दूसरी सूची में देरी होगी। पार्टी के नेता तो संभावना यह भी जता रहे हैं कि आलाकमान नेताओं की नाराजगी को दूर करने के लिए दूसरी सूची में कई नए नामों को शामिल कर सकता है।