आप का विजय मार्च: चंडीगढ़ पहुंच रहे अरविंद केजरीवाल, आप पार्षदों के साथ करेंगे बैठक, आगामी रणनीति पर होगी चर्चा
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने 35 सीटों में से 14 सीटें जीती और सबसे बड़ी पार्टी बनी। हालांकि स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण पार्टी अभी अपना मेयर बनाने की स्थिति में नहीं है लेकिन जीत से उत्साहित पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आप को जीत दिलाने के लिए चंडीगढ़ के लोगों को धन्यवाद करेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को चंडीगढ़ आ रहे हैं। यहां वह नगर निगम चुनाव में जीते आम आदमी पार्टी के पार्षदों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद सेक्टर-22 स्थित अरोमा लाइट प्वाइंट से रैली निकालेंगे और सबसे अधिक 14 प्रत्याशियों को जिताने के लिए शहरवासियों का धन्यवाद करेंगे। इसके बाद वह पार्टी की आगे की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे। इसमें आप का मेयर और पार्षदों को टूटने से बचाने की रणनीति तय की जाएगी।
तेज हुई जोड़तोड़ की राजनीति
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने से जोड़तोड़ की राजनीति तेज हो गई है। इसकी गूंज दिल्ली तक पहुंची है, इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चंडीगढ़ आ रहे हैं। पार्षदों को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने प्रेसवार्ता कर अपने पार्षदों को कैमरे की निगरानी में रख दिया है। साथ ही उनके भी फोन रिकॉर्डिंग पर लगा दिए हैं। इस मामले में मंगलवार को भी मोहाली में पार्टी के सभी पार्षदों के साथ बैठक करके स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति शपथ लेने तक किसी अनजान व्यक्ति से नहीं मिलेगा। अब अरविंद केजरीवाल आप का मेयर बनाने और बहुमत का आंकड़ा पाने के लिए अपनी बिसात तैयार करेंगे। मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा सत्ता में आने के बाद हमारे पार्षदों को खरीदने का प्रयास कर रही है। तीन पार्षदों को सोमवार को दिन ढलने के बाद फोन कर भाजपा में शामिल होने का ऑफर दिया गया। इसमें एक पार्षद को 75 लाख और दो पार्षदों को 50-50 लाख का ऑफर आया था।
निगम की बैठक भी आज, ज्यादातर पार्षदों का खत्म होगा राज
इस साल की निगम सदन की अंतिम बैठक गुरुवार को होगी। इसमें 26 पार्षद और 9 मनोनीत पार्षद शामिल होंगे। 26 में से केवल 4 पार्षदों को दोबारा सदन में बैठने का मौका मिलेगा। शेष पार्षद नए होंगे। वहीं इस बार पार्षदों की संख्या भी 26 से बढ़कर 35 होगी। ऐसे में सदन का स्वरूप भी थोड़ा बदला-बदला होगा। सदन की बैठक में गुरुवार को कोई मुद्दा नहीं होगा। केवल आपसी मेलजोल के साथ ही यह बैठक खत्म होगी।