प्रवीण पाण्डेय, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Tue, 12 Jan 2021 01:25 PM IST
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हरियाणा के पानीपत के गांव बिंझौल में हुई तीन मासूम बच्चों की मौत की जांच अब सीबीआई करेगी। सरकार ने यह मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया है। इस मामले में वहां के एसपी और एफएसएल ने जांच की थी और बच्चों की मौत का कारण पानी में डूबना बताया था, लेकिन बच्चों के परिजन इस बात से संतुष्ट नहीं थे।
परिजनों ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी। मामला गृह मंत्री अनिल विज के पास पहुंचा। जिसके बाद विज ने यह जांच सीबीआई के सुपुर्द करने की संस्तुति कर दी थी। अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीबीआई जांच के लिए हामी भर दी है।
पिछले साल सात जुलाई को पानीपत के बिंझौल गांव के तीन बच्चे वंश (10), वरुण (9) और लक्ष्य (8) लापता हो गए थे। परिजनों का आरोप था कि जब बच्चे पतंग के लिए डोर खोज रहे थे तो डाई हाउस मैनेजर ने बच्चों को मारकर रजवाहे में फेंक दिया।
30 जुलाई को इस मामले में इंसाफ की मांग को लेकर ग्रामीणों ने रोड जाम किया था तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर 14 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस लाठीचार्ज में मृतक बच्चों के परिजनों सहित 50 लोग घायल हुए थे। घायलों में कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
मामले के तूल पकड़ने के बाद गृह मंत्री अनिल विज ने संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से पानीपत पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। पानीपत पुलिस की रिपोर्ट से असंतुष्ट होने के बाद गृह मंत्री ने इस मामले की जांच करनाल के एसपी सुरेंद्र भौरिया को सौंपी थी, जहां 3 सप्ताह बाद एसपी ने गृह मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
हरियाणा के पानीपत के गांव बिंझौल में हुई तीन मासूम बच्चों की मौत की जांच अब सीबीआई करेगी। सरकार ने यह मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया है। इस मामले में वहां के एसपी और एफएसएल ने जांच की थी और बच्चों की मौत का कारण पानी में डूबना बताया था, लेकिन बच्चों के परिजन इस बात से संतुष्ट नहीं थे।
परिजनों ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी। मामला गृह मंत्री अनिल विज के पास पहुंचा। जिसके बाद विज ने यह जांच सीबीआई के सुपुर्द करने की संस्तुति कर दी थी। अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीबीआई जांच के लिए हामी भर दी है।
पिछले साल सात जुलाई को पानीपत के बिंझौल गांव के तीन बच्चे वंश (10), वरुण (9) और लक्ष्य (8) लापता हो गए थे। परिजनों का आरोप था कि जब बच्चे पतंग के लिए डोर खोज रहे थे तो डाई हाउस मैनेजर ने बच्चों को मारकर रजवाहे में फेंक दिया।
30 जुलाई को इस मामले में इंसाफ की मांग को लेकर ग्रामीणों ने रोड जाम किया था तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर 14 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस लाठीचार्ज में मृतक बच्चों के परिजनों सहित 50 लोग घायल हुए थे। घायलों में कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
मामले के तूल पकड़ने के बाद गृह मंत्री अनिल विज ने संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से पानीपत पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। पानीपत पुलिस की रिपोर्ट से असंतुष्ट होने के बाद गृह मंत्री ने इस मामले की जांच करनाल के एसपी सुरेंद्र भौरिया को सौंपी थी, जहां 3 सप्ताह बाद एसपी ने गृह मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
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