पेपर मिल ने फेंका झाग और दुर्गंधयुक्त पानी
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बद्दी(सोलन)। औद्योगिक क्षेत्र बरोटीवाला स्थित एक पेपर मिल उपयोग नहीं होने वाले कचरे को खुले में फेंक रही है। साथ ही रसायन युक्त पानी को भी खुले में बहा रही है। इसका कोई ट्रीटमेंट नहीं किया गया है। छोड़े गए रसायन युक्त पानी का रंग काला और इस पर झाग बनी हुई है। इससे पर्यावरण की अनदेखी हो रही है, वहीं लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस पानी से दुर्गंध फैलना शुरू हो गई है। बारिश से यह पानी लोगों की जमीन में पहुंच रहा है जिससे जमीन के बंजर होने का खतरा भी बना हुआ है।
बीडीसी सदस्य अनिल शर्मा का कहना है कि एक तरफ कई बीमारियां फैल रही हैं, वहीं इस कचरे और गंदे पानी से और बीमारियों का खतरा बना हुआ है। लोगों का कहना है कि बरसात के दिनों में यह समस्या और भी अधिक बढ़ जाती है। इससे यह जाहिर है कि यह फैक्टरी चोरी चुपके बरसात के दिनों में और अधिक गंदा पानी छोड़ती है।
उन्होंने रोष जताया कि प्रदूषण बोर्ड का ध्यान भी इस तरफ नहीं जा रहा है। अनिल शर्मा का कहना है कि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान होना चाहिए और जो पानी मिल खुले में बहा रही है, उसे प्लांट में ट्रीट करने के बाद ही खुले में छोड़ा जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से मांग की है कि जो उद्योग गंदे पानी को खुले में छोड़ रहे हैं, उन पर अंकुश लगाया जाए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक्सईएन प्रवीण कुमार ने कहा कि अगर उद्योग ने प्रदूषण फैलाया है तो उद्योग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बद्दी(सोलन)। औद्योगिक क्षेत्र बरोटीवाला स्थित एक पेपर मिल उपयोग नहीं होने वाले कचरे को खुले में फेंक रही है। साथ ही रसायन युक्त पानी को भी खुले में बहा रही है। इसका कोई ट्रीटमेंट नहीं किया गया है। छोड़े गए रसायन युक्त पानी का रंग काला और इस पर झाग बनी हुई है। इससे पर्यावरण की अनदेखी हो रही है, वहीं लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस पानी से दुर्गंध फैलना शुरू हो गई है। बारिश से यह पानी लोगों की जमीन में पहुंच रहा है जिससे जमीन के बंजर होने का खतरा भी बना हुआ है।
बीडीसी सदस्य अनिल शर्मा का कहना है कि एक तरफ कई बीमारियां फैल रही हैं, वहीं इस कचरे और गंदे पानी से और बीमारियों का खतरा बना हुआ है। लोगों का कहना है कि बरसात के दिनों में यह समस्या और भी अधिक बढ़ जाती है। इससे यह जाहिर है कि यह फैक्टरी चोरी चुपके बरसात के दिनों में और अधिक गंदा पानी छोड़ती है।
उन्होंने रोष जताया कि प्रदूषण बोर्ड का ध्यान भी इस तरफ नहीं जा रहा है। अनिल शर्मा का कहना है कि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान होना चाहिए और जो पानी मिल खुले में बहा रही है, उसे प्लांट में ट्रीट करने के बाद ही खुले में छोड़ा जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से मांग की है कि जो उद्योग गंदे पानी को खुले में छोड़ रहे हैं, उन पर अंकुश लगाया जाए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक्सईएन प्रवीण कुमार ने कहा कि अगर उद्योग ने प्रदूषण फैलाया है तो उद्योग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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