पंजाब : कृषि कानूनों के विरोध में ग्रंथी ने खुद को गोली मारी
संवाद न्यूज एजेंसी, ममदोट/फिरोजपुर (पंजाब)
Updated Tue, 12 Jan 2021 03:48 PM IST
ग्रंथी नसीब सिंह मान।
– फोटो : फाइल फोटो
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
जान देने से पहले ग्रंथी ने सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ठहराया है। पुलिस ने शव के पास से सुसाइड नोट बरामद किया है। कुछ दिन पहले कृषि कानून रद्द करने की मांग पर दिल्ली बॉर्डर पर करनाल के बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार कर खुदकुशी कर ली थी।
यह भी पढ़ें – कृषि कानून के विरोध में पंजाब के किसान ने दी जान, सुसाइड नोट में किसानों से अपील- जीत कर ही लौटना
गांव महिमा के लोगों का कहना है कि नसीब सिंह मान गुरुद्वारे का मौजूदा ग्रंथी थे और उन्हें किसानों से बहुत प्यार था। जब से केंद्र सरकार ने कृषि कानून लागू किया है, तब से वे परेशान थे। किसान अपनी मांगों के लिए पिछले 110 दिनों से धरना दे रहे हैं। पहले पंजाब में आंदोलन चला और उसके बाद किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमाया। कड़ाके की ठंड और बारिश में भी किसान धरने पर बैठे रहे।
इससे दुखी ग्रंथी नसीब मान ने बीस दिसंबर को गुरुद्वारे में अरदास की थी कि अगर केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती तो वे शहादत दे देंगे। इसलिए नसीब सिंह ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली।
नसीब सिंह मान के पास से मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि उन पर कोई कर्जा नहीं है। केंद्र सरकार के काले कानूनों से किसानों की दयनीय हालत देख कर परेशान हूं। उनकी मौत का जिम्मेदार कोई जत्थेबंदी व लोग नहीं हैं, बल्कि मोदी सरकार है। साथ में यह भी लिखा कि सारा पंथ बसे, पंजाब बसे। दास को मरने का कोई शौक नहीं, पंथ बसे जी।
मामले की जांच कर रहे एसआई चंचल का कहना है कि शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया है। जिस हथियार से खुदकुशी की है, उसे बरामद कर लिया है। मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें कृषि कानून से आहत होकर खुदकुशी की बात लिखी है।
0 Comments