ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को दूसरी बार मिली मंजूरी, बने ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति
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कैपिटल हिंसा मामले में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास किया। अब महाभियोग प्रस्ताव पर सीनेट यानी ऊपरी सदन में चर्चा होगी। निचले सदन ने 197 के मुकाबले 232 वोट से महाभियोग प्रस्ताव पास किया।
राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी संसद में दूसरी बार महाभियोग प्रस्ताव पर पास हुआ है। हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने बताया कि ट्रंप दो बार महाभियोग का सामना करने वाले अमेरिका के इतिहास के पहले राष्ट्रपति हैं। वहीं, सीनेट में बहुमत के नेता मिच मैककोनेल ने एक बयान में स्पष्ट किया कि ट्रंप के खिलाफ महाभियोग 20 जनवरी से पहले नहीं चलेगा। इस दिन जो बाइडन को शपथ लेनी है।
प्रस्ताव में पेंस से अपील की गई कि वह कैबिनेट से 25वां संशोधन लागू करने को कहें। ट्रंप पर महाभियोग चलाने के लिए 218 वोटों की जरूरत थी। 10 रिपब्लिक सांसदों ने भी ट्रंप के खिलाफ मतदान किया।
ये सांसद हैं-
- वाशिंगटन के डैन न्यूजहाउ
- न्यू यॉर्क के जॉन काटको
- वाशिंगटन के जैमी हेरेरा
- इलिनोइस के एडम किंजिंगर
- मिशिगन के फ्रेड अपटन
- व्योमिंग की लिज चेने
- मिशिगन के पीटर मीजर
- ओहियो के एंथनी गोंजालेज
- दक्षिण कैरोलिना के टॉम राइस
- कैलिफोर्निया के डेविड वलाडाओ
ट्रंप का बयान
वहीं, ट्रंप ने कहा कि भीड़ की हिंसा हर उस चीज के खिलाफ है जिसमें मैं भरोसा करता हूं। मेरा सच्चा समर्थक कभी भी राजनीतिक हिंसा नहीं करेगा, कानूनों की धज्जियां नहीं उड़ाएगा। अगर आप ऐसा कुछ कर रहे हैं तो हमारे आंदोलन का समर्थन नहीं कर रहे हैं, आप हमारे देश पर हमला कर रहे हैं।
जबरदस्त गहमागहमी रही
इससे पहले अमेरिकी संसद में कैपिटल हमले के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराते हुए महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान के दिन जबरदस्त गहमागहमी देखी गई। इससे ठीक पहले सांसदों ने एक प्रस्ताव पास किया जिसमें उपराष्ट्रपति माइक पेंस को 25वें संशोधन के तहत सांविधानिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए ट्रंप की शक्तियां छीनने के लिए कहा गया। प्रस्ताव को 205 के मुकाबले 223 मत प्राप्त हुए।
उपराष्ट्रपति को ट्रंप की शक्तियां छीनने वाला यह प्रस्ताव मेरीलैंड की सांसद जैमी रस्किन लाई थीं। रिपब्लिकन सांसद एडम किंजिंगर ने भी इस प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया। हालांकि माइक पेंस ने प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी को पहले ही इस प्रस्ताव का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया और लिखा कि ‘हमारे संविधान में, 25वां संशोधन सजा देने या अधिकार छीनने का जरिया नहीं है। इस प्रकार से 25वां संशोधन लागू करना खराब उदाहरण पेश करेगा।’ इस संशोधन में पेंस को यह हक मिल जाता कि वे ट्रंप को पद से हटाकर खुद नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की शपथ तक शक्तियां ले लें। इधर, सांसदों ने संसद भवन (कैपिटल) में भारी सुरक्षा किलेबंदी के बीच कार्यवाही में भाग लिया। बुधवार को सांसद जैमी रस्किन, डेविड सिसिलिने और डेट लियू द्वारा तैयार महाभियोग प्रस्ताव को 211 सदस्यों ने सह-प्रायोजित किया है।
सुनवाई के लिए प्रबंधक नियुक्त
प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई के प्रबंधकों को नियुक्त किया था। मुख्य प्रबंधक सांसद रस्किन के अलावा डियाना डीगेटे, स्टेसी प्लास्केट, मैडेलीने डियान, डेविड सिसिलिने, टेड लियू और जो नेगुसे को इसकी जिम्मेदारी दी गई। महाभियोग पर मतदान से पहले पेलोसी ने कहा, राष्ट्रपति के खिलाफ अभियोग चलाना और उन्हें हटाना प्रबंधकों का सांविधानिक कर्तव्य है।
महाभियोग के लिए मजबूत आधार
बुधवार को मतदान से पहले मंगलवार देर रात प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति के अध्यक्ष जेरोल्ड नैडलर ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के लिए 50 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की। इसमें महाभियोग चलाने के लिए मजबूत आधार पेश किए गए।
यूट्यूब ने ट्रंप के चैनल को एक सप्ताह तक किया प्रतिबंधित
ट्विटर और फेसबुक के बाद यूट्यूब ने भी ट्रंप के चैनल को कम से कम एक सप्ताह के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। उसने कहा कि इसे आगे भी निलंबित रखा जा सकता है। कंपनी ने कहा कि ट्रंप के चैनल ने यूट्यूब की नीतियों का उल्लंघन किया है। बता दें कि इस चैनल पर हाल ही में एक वीडियो पोस्ट होने के बाद हिंसा भड़की थी। यूट्यूब ने उस वीडियो भी हटा दिया है।
सांसदों को मिल रही हैं धमकियां : रो खन्ना
भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा है कि जो बाइडन की जीत की पुष्टि के लिए तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के परिणाम को प्रमाणित करने के पक्ष में मतदान करने वाले अमेरिकी सांसदों को हिंसक धमकियां मिल रही हैं जिनमें जान से मारने की धमकियों भी शामिल हैं। उन्होंने सीएनएन न्यूज से कहा कि ये धमकियां डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के सांसदों को मिल रही हैं। उन्होंने कहा हिंसा का खतरा सिर्फ डेमोक्रेटों को ही नहीं, रिपब्लिकन नेताओं को भी है। मैं यह बताना नहीं चाहता कि धमकियां किन लोगों से मिली हैं लेकिन उन्हें जान से मारे जाने की भी धमकियां मिली हैं।
160 से ज्यादा दंगाइयों की जांच शुरू : एफबीआई
अमेरिका में एफबीआई ने कैपिटल हिल में 6 जनवरी को दंगा करने वालों के खिलाफ 160 से अधिक मामलों में जांच शुरू की और कहा कि यह महज शुरुआत है। जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी स्टीवन अनटूनो ने बताया कि छह दिनों में हमने 160 से अधिक मामलों की फाइल खोली है। उन्होंने कहा कि एफबीआई हमला करने वाले एक-एक व्यक्ति तक पहुंचेगी।
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