कोरोना: क्यों जरूरतमंदों को पहले दी जा रही वैक्सीन, जानें स्वास्थ्य मंत्रालय की दलील
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण। (एएनआई ट्विटर / 6 अप्रैल 2021)
कोरोनावायरस इन इंडिया: राजेश भूषण ने कहा कि टीकाकरण का मौजूदा चरण गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए है और इसके लिए सप्लाई-डिमांड मॉडल को अपनाया जा रहा है।
राजेश भूषण ने ज़रूरतमंदों को वैक्सीन देने के बारे में अपने बयान पर कहा कि सबसे पहले टीकाकरण की रणनीति को समझना चाहिए। टीकाकरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संक्रमण के गंभीर खतरे का सामना कर रहे लोगों में मृत्यु दर को कम करना है। हमने दूसरे आयु वर्ग के लिए उन्हें प्राथमिकता क्यों दी? क्योंकि इस चरण में वैक्सीन की सप्लाई सीमित (लगभग जुलाई तक) होगी। लिहाजा लोगों को उम्र वर्ग के आधार पर प्राथमिकता देनी होगी और दुनिया भर में यही मानक तरीका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी यही सुझाव है। उन्होंने कहा, “प्राथमिकता के साथ हम डॉयनामिक डिमांड सप्लाई मॉडल को भी फॉलो कर रहे हैं, ताकि यह तय किया जा सके कि कब किस वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम को खोलना है। इसके लिए हम लगातार वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से बात करते हैं। कर रहे हैं, ताकि उत्पादन को बढ़ाया जा सके। “
वैक्सीन की सप्लाई पर नजर है
उन्होंने कहा, “तथ्य यह है कि कई मंत्रालयों की टीम सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक का दौरा कर चुकी है, ताकि उनकी जरूरतों का समझा जा सके और उनकी मदद की जाए। ये मदद वित्तीय स्तर की हो सकती है, नई सुविधाओं की। स्थापना हो सकती है या फिर से अप्रचलित अप्रूवल। ” उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि आने वाले दिनों में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ेगा और टीकाकरण कार्यक्रम भी स्थिर होगा। इसलिए वैक्सीन की सप्लाई पर लगातार नजर रखी जा रही है, जिसके बाद ही अगली उम्र वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम खोलने पर विचार किया जा सकेगा।टीकाकरण की गति बढ़ाने पर जोर
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रम की रफ्तार बढ़ाने पर जोर है, लेकिन हमें इस बात के लिए भी तारीफ करनी होगी कि अब तक टीकाकरण कार्यक्रम काफी तेजी से चला गया है, जिसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग की तारीफ की जानी चाहिए। भूषण ने कहा कि हर दिन 43 लाख लोगों को वैक्सीन का टीका दिया जा रहा है। इसके व्यापक स्तर को समझें तो एक दिन में पूरे न्यूजीलैंड को जैक लगाने जैसा है। यह बात में कोई संभावना नहीं है कि हमें और तेजी के साथ टीकाकरण करना चाहिए, लेकिन हमें उम्मीद है कि अब तक हमने शानदार काम किया है।
दूसरे टीकर को अनुमति देने की बात गलत है
देश में टीकाकरण के लिए दूसरे टीकों को अनुमति ना देने के आरोपों पर राजेश भूषण ने कहा कि ये सच नहीं है और हकीकत इसका उल्टा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार लगातार अन्य वैक्सीन निर्माताओं के साथ काम कर रही है। कंपनियों को मदद और आंतरिक स्तर पर आपूर्ति के लिए लगातार बात चल रही है। हालांकि हमें ये स्वीकार करना होगा कि हर व्यवस्था की एक प्रक्रिया होती है, जिसका पालन किया जाना चाहिए। ये प्रक्रिया अफसरशाही की वजह से नहीं अटक रही है, जैसा कि कुछ लोग व्यक्तिगत स्तर पर ये आरोप लगा रहे हैं। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जब हम एक स्वस्थ व्यक्ति को केक लगाते हैं तो उसकी हर मिनट की डिटेल रखते हैं, जैसे कि रिस्क प्रोफाइल, साइड इफेक्ट्स और लॉजिस्टिक्स की जरूरतों को भी।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ये भ्रांति है कि टीकाकरण कार्यक्रम को सरकार नियंत्रित कर रही है, जबकि सरकार लगातार निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर रही है। कई सारे सभाओं में राज्य सरकारों से कहा गया है कि टीकाकरण कार्यक्रम में किसी भी तरह की बाधा को खत्म करें और प्राथमिक क्षेत्र के साथ मिलकर काम करें।