किसान आंदोलन: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, कृषि कानून पर आज आएगा फैसला
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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 12 Jan 2021 12:51 PM IST
गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान, लगाया जा रहा वाटरप्रूफ टेंट
– फोटो : प्रभात पांडेय
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मुख्य न्यायधीश एसए बोबडे ने कहा कि हम कानून की वैधता और आंदोलन के दौरान किसी व्यक्ति की मृत्यु होने या संपत्ति नष्ट होने को लेकर चिंतित हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि हम अपनी शक्तियों के अनुसार ही इस मामले को सुलझाना चाहते हैं। हमारे पास जो शक्तियां हैं, उनके आधार पर हम कानून के अमल को निलंबित और एक कमेटी गठित कर सकते हैं।
बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकारा था और कहा था कि वो केंद्र सरकार के इस मुद्दे को हैंडल करने के तरीके के काफी निराश है।
कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करने के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि वो कानून पर तो रोक नहीं लगा सकते लेकिन कानून के अमल होने पर रोक लगा सकते हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि या तो आप कानून को अमल करने पर रोक लगाएं या फिर हम लगा देंगे। इसके अलावा कोर्ट ने एक समिति बनाने का भी सुझाव दिया था।
इस पर सरकार के वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने कहा कि कोर्ट का इतिहास रहा है कि उसने संसद से पास किसी भी कानून पर कोई रोक नहीं लगाई है। इसके अलावा कोर्ट ने समिति में शामिल होने के लिए किसान संगठनों की सहमति की मांग भी की। सरकार ने सोमवार को एक हलफनामा दायर किया, जिसमें बताया गया कि वो कानून को निरस्त नहीं करेंगे।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकारते हुए कहा कि अगर आंदोलन में किसी तरह की हिंसा हो जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। कोर्ट ने आगे कहा कि आंदोलन में लोग मर रहे हैं और हम इसका हल नहीं निकाल रहे हैं। इसके अलावा कोर्ट ने सरकार से इसका समाधान निकालने के लिए कहा और किसानों के हित के उद्देश्य से एक समिति बनाने की बात कही।
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