किसान आंदोलन : सरकार के रवैये से नाराज किसान बोले- अभी ट्रेलर दिखाया है, पूरी फिल्म बाकी है
धरने पर बैठे किसान।
– फोटो : फाइल फोटो
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किसानों और सरकार के बीच लगातार बातचीत के बावजूद कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है और किसानों पर कानून में संशोधन के लिए मानने का दबाव बनाया जा रहा है। इसलिए किसान अब आंदोलन को बढ़ाने में जुट गए है और गणतंत्र दिवस की किसान परेड की सफलता के लिए पूरा जोर लगाया जाएगा।
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कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर किसान बैठे हुए हैं। ठंड व बारिश के बावजूद 44 दिन से किसानों का आंदोलन चल रहा है लेकिन इतने दिन बीतने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है। सरकार से आठ दौर की बातचीत अभी तक हो चुकी है वहीं एक बार गृहमंत्री अमित शाह तक से किसान मिल चुके हैं।
हर बार किसानों को आश्वासन दिया जाता है कि इस बार बैठक में कोई न कोई फैसला जरूर होगा और किसान भी कोई हल निकलने की उम्मीद के साथ जाते हैं। हर बार सरकार और किसानों की बैठक उसी जगह आकर खत्म हो जाती है, जहां कई महीने पहले शुरू हुई थी। वहीं किसान नेताओं के अनुसार अभी तक सरकार के मंत्री कानूनों को लेकर कोई हल निकालने का आश्वासन देते थे। इस बार मंत्रियों ने साफ कह दिया कि वह कानून रद्द करने की जगह संशोधन की बात करें। इस पर किसान नेताओं ने भी साफ कर दिया है कि सरकार भी संशोधन की जगह केवल कानून रद्द करने पर बात करे।
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किसान व सरकार के बीच गतिरोध बढ़ रहा है तो किसानों की नाराजगी भी सरकार के प्रति ज्यादा बढ़ गई है। इसलिए अब किसान नेताओं ने फैसला किया है कि सरकार को आंदोलन तेज करके दिखाया जाएगा। उसके बाद ही सरकार को पता चलेगा कि किसान किस हद तक जा सकते हैं। किसान नेताओं ने यहां तक कहा कि जिस तरह से आंदोलन लंबा हो रहा है, ऐसे में अगर युवा किसानों का धैर्य जवाब दे गया तो उनको वह खुद भी नहीं रोक सकेंगे। इसलिए सरकार को ऐसा होने से पहले ही कोई फैसला करना होगा।
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