एक महीने बाद स्वर्ग प्रवास से लौटेंगे देवता
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कुल्लू। पोष संक्रांति को स्वर्ग प्रवास गए देवी-देवता मकर संक्रांति को वापस देवालयों में लौटेंगे। जिले में वीरवार को मकर संक्रांति पर करीब 200 देवी-देवताओं के कपाट खुल जाएंगे। देवताओं के स्वर्ग प्रवास पर जाने के बाद देवालय सूने पड़ गए थे।
हालांकि घाटी के आराध्य देवता बिजली महादेव के कपाट चैत्र संक्रांति पर ही खुलेंगे। इस अवसर देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना शुरू होगी। कई देवी-देवताओं के सम्मान में दियाली पर्व भी आयोजित होंगे। गौर रहे कि जिले के देवी-देवताओं की पोष माह में स्वर्ग जाने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दौरान देवताओं की देव संसद होती है। एक महीने तक मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं। देव संसद से लौटने के बाद देवी-देवता अपने हारियानों को आशीर्वाद देंगे। साथ ही देवताओं की ओर से सालभर की भविष्यवाणी भी की जाएगी। पोष माह को काले महीने के तौर पर माना जाता है। इस महीने में देवी-देवताओं के धार्मिक कार्यों पर पाबंदी रहती है। लेकिन वीरवार को मकर संक्रांति के बाद एक बार फिर मंदिरों में शंख, घंटी की आवाजें सुनाई देगी। उधर, जिला देवी-देवता कारदार संघ के महासचिव नारायण सिंह चौहान ने कहा कि मकर संक्रांति पर जिले के देवालयों के कपाट खुलेंगे। इस दौरान देवता को जूब देने के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर दियाली पर्व का आयोजन भी किया जाएगा। इसको लेकर हारियानों में खुशी की लहर है।
कुल्लू। पोष संक्रांति को स्वर्ग प्रवास गए देवी-देवता मकर संक्रांति को वापस देवालयों में लौटेंगे। जिले में वीरवार को मकर संक्रांति पर करीब 200 देवी-देवताओं के कपाट खुल जाएंगे। देवताओं के स्वर्ग प्रवास पर जाने के बाद देवालय सूने पड़ गए थे।
हालांकि घाटी के आराध्य देवता बिजली महादेव के कपाट चैत्र संक्रांति पर ही खुलेंगे। इस अवसर देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना शुरू होगी। कई देवी-देवताओं के सम्मान में दियाली पर्व भी आयोजित होंगे। गौर रहे कि जिले के देवी-देवताओं की पोष माह में स्वर्ग जाने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दौरान देवताओं की देव संसद होती है। एक महीने तक मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं। देव संसद से लौटने के बाद देवी-देवता अपने हारियानों को आशीर्वाद देंगे। साथ ही देवताओं की ओर से सालभर की भविष्यवाणी भी की जाएगी। पोष माह को काले महीने के तौर पर माना जाता है। इस महीने में देवी-देवताओं के धार्मिक कार्यों पर पाबंदी रहती है। लेकिन वीरवार को मकर संक्रांति के बाद एक बार फिर मंदिरों में शंख, घंटी की आवाजें सुनाई देगी। उधर, जिला देवी-देवता कारदार संघ के महासचिव नारायण सिंह चौहान ने कहा कि मकर संक्रांति पर जिले के देवालयों के कपाट खुलेंगे। इस दौरान देवता को जूब देने के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर दियाली पर्व का आयोजन भी किया जाएगा। इसको लेकर हारियानों में खुशी की लहर है।
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