अमेरिकी सरकार की वेबसाइट पर आई ट्रंप-पेंस का कार्यकाल खत्म होने की जानकारी, बाद में हुई डिलीट
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विदेश विभाग की वेबसाइट के अनुसार, ‘डोनाल्ड जे. ट्रंप का कार्यकाल 11 जनवरी 2021 को 19:42:55 को समाप्त हो गया और उपराष्ट्रपति माइकल रिचर्ड पेंस (माइक पेंस) का कार्यकाल 11 जनवरी 2021 9:46:38 को समाप्त हुआ। इतना ही नहीं वेबसाइट पर ट्रंप और पेंस की बायोग्राफी भी बदल गई। यह संदेश विभाग की वेबसाइट पर कई लोगों ने पढ़ा। हालांकि इन संदेशों के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
कुछ समय बाद संदेशों को हटा दिया गया और साइट को डाउन कर दिया गया था और निम्नलिखित संदेश प्रदर्शित किया गया- ‘हमें खेद है, यह साइट वर्तमान में तकनीकी कठिनाइयों का सामना कर रही है। कृपया कुछ ही क्षणों में पुनः प्रयास करें।’
इस बीच कुछ स्थानीय मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी कयास लगाए जाने लगे कि यह स्पष्ट रूप से ‘असंतुष्ट विदेश विभाग के स्टाफ’ की करतूत थी। व्हाइट हाउस और विदेश विभाग ने अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि यह संदेश ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी प्रतिनिधि सभा छह जनवरी को कैपिटल इमारत में हिंसा के लिए अपने समर्थकों की भीड़ को प्रोत्साहित करने में उनकी भूमिका के लिए डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने की बात चल रही है, हालांकि रिपब्लिकन सांसदों ने प्रस्ताव को मंगलवार तक बाधित कर दिया है। सदन बुधवार को महाभियोग पर मतदान करेगा।
ट्रंप को जल्द हटाने के प्रस्ताव को रिपब्लिकन ने बाधित किया
रिपब्लिकन सांसदों ने सोमवार को सदन के उस प्रस्ताव को रोका, जिसमें ट्रंप को राष्ट्रपति पद से जल्द हटाने के वास्ते उपराष्ट्रपति पेंस से 25 वें संशोधन को लागू करने का आह्वान किया गया था।
प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेट सदस्यों ने निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम दिनों में उन पर महाभियोग चलाने के प्रयास तेज कर दिए हैं और दलील दी है कि राष्ट्रपति को कैपिटल (संसद भवन) में उनके हजारों समर्थकों द्वारा की गयी अभूतपूर्व हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। सदन के डेमोक्रेट सदस्यों ने सोमवार को निवर्तमान रिपब्लिकन राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी जिसको लेकर सप्ताह के मध्य तक मतदान किए जाने की संभावना थी।
प्रस्ताव में कहा गया, ‘राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका और इसके सरकारी संस्थानों की सुरक्षा को गहरे खतरे में डाला।’ चार सांसदों द्वारा प्रस्तावित विधेयक में कहा गया कि ट्रंप ने ‘लोकतांत्रिक प्रणाली की अखंडता को चुनौती दी।’
इसके मुताबिक, ‘अगर उन्हें पद पर बने रहने की अनुमति दी जाती है तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा, लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा बने रहेंगे।’ इससे पहले प्रतिनधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने डेमोक्रेट सदस्यों को पत्र लिखकर उप राष्ट्रपति माइक पेंस को ट्रंप को पद से हटाने के लिए 25वें संशोधन के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करने के लिए कहने के नियमों को रेखांकित किया था। यह संशोधन उप राष्ट्रपति और मंत्रिमंडल के बहुमत सदस्यों को राष्ट्रपति को पद से हटाने का अधिकार प्रदान करता है।
गौरतलब है कि कैपिटल इमारत (अमेरिकी संसद) में बुधवार को ट्रंप समर्थकों ने अराजकता और हिंसा का प्रदर्शन किया था, ट्रंप के समर्थकों ने इलेक्टोरल कॉलेज के वोट का विरोध करने के लिए इमारत पर धावा बोल दिया था। राष्ट्रपति के उकसाने पर भीड़ ‘चोरी रोको’, ‘बकवास’ जैसे नारे लगा रही थी। राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम कभी हार नहीं मानेंगे। हम कभी हार स्वीकार नहीं करेंगे। हमारे देश ने बहुत सहन कर लिया। अब और नहीं।’
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