अचानक वोल्टेज बढ़ी या घटी तो भी खराब नहीं होंगे लैपटॉप और मोबाइल
अमर उजाला नेटवर्क, शिमला
Updated Tue, 12 Jan 2021 05:00 AM IST
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आईआईटी मंडी के कंप्यूटिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग स्कूल के एसोसिएट प्रो डॉ. हितेश श्रीमाली और उनके शोध विद्वान विजेंद्र कुमार शर्मा के साथ आईआईटी जोधपुर के डॉ. जय नारायण त्रिपाठी ने इस शोध में अहम भूमिका निभाई है। वैज्ञानिकों के अनुसार बिजली के फ्लक्चुएशन में भी उपकरणों के कंपोनेंट अधिक सुरक्षित रहें, इसके लिए मिश्रित इलेक्ट्रॉनिक सर्किटरी के सूक्ष्म पार्ट्स के डिजाइन तैयार किए हैं, जिससे सर्किट डिवाइस की स्पीड, पावर, गेन, डिस्टार्शन के स्तर आदि तमाम पहलुओं को देखते हुए विशिष्टताओं को अनुकूलन किया जा सके।
यह है शोध
वैज्ञानिकों का कहना है कि शोध टीम ने इस विधि के विकास के बाद कॉन्सेप्ट के सत्यापन के लिए एनालॉग और डिजिटल ब्लॉक के आउटपुट स्टेज के दो उदाहरणों का उपयोग किया है। यह 1.8 वोल्ड सप्लाई और समान ज्यामितीय क्षेत्र के साथ स्टैंडर्ड 180 नैनोमीटर प्रौद्योगिकी में किया गया है। उनके मॉडलों ने निरीक्षण विधि और उद्योग मानक के स्पाइस टूल्स का उपयोग कर सभी उदाहरणों के लिए अधिकतम औसत 3 प्रतिशत प्रतिशत त्रुटि (एमपीई) का प्रदर्शन किया जो इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट के डिजाइन करने के इस दृष्टिकोण के मजबूत होने की पुष्टि करता है। ये कंपोनेंट बिजली आपूर्ति अचानक कम और ज्यादा (फ्लक्चुएट) होने से प्रभावित नहीं होते हैं।
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